गत दो सप्ताह से हो रहे लगातार बारिश ने सोनपुर नगर पंचायत की पोल खोल कर रख दी है। विश्व के सबसे बड़े पशु मेले के लिए प्रख्यात हरिहर धाम के नाम से जाने वाले सोनपुर में भी हर तरफ जलजमाव दिखा। सोनपुर पुलिस थाना तो ऐसा लग रहा था मानो तालाब हो।
बारिश की स्थिति देख कर ऐसा लग रहा था जैसे खुद इंद्र भगवन पूरे बिहार पर मेहरबान हो गए है। अंग्रेजी बाजार से लेकर लकड़ी बाजार तक, चिड़िया बाजार से लेकर घोडा बाजार तक, और रजिस्ट्री बाजार से लेकर गोला बाजार तक पानी भरा हुआ था। सोनपुर मेला कंपाउंड की हालत तो और भी बदत्तर है।
कार्तिक पूर्णिमा का भी समय अब हो चला है। लगभग डेढ़ महीने बाद विश्व का सबसे बड़ा पशु मेला सोनपुर में एक बार फिर से लगेगा। लेकिन ऐसा लगता है मेला संचालन के सदस्यों को कंपाउंड से पानी निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। उधर गज़-ग्राह के पास भी जलजमाव है।
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अतिवृष्टि के बाद सोनपुर का हाल
खैर, पिछले दो दिनों से बारिश रुकी हुई है तथा जनजीवन सामान्यता की ओर अग्रसर दिखाई दे रही है। ऊँची जगहों से पानी धीरे धीरे निकल रहा है। मैन रोड से लगभग पानी बाहर निकल चुका है हालाँकि कुछ जगहों पर अभी भी आपके मोटर-साइकिल के पहिये को तैरना पड़ सकता है।
इस अस्त-व्यस्त स्थिति ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि सोनपुर नगर पंचायत महज़ खोखले वादों के सहारे खानापूर्ति कर रही है। हरिहरनाथ की पावन धरती अंग्रेजों के जमाने से ही प्रसिद्द है और पूरे विश्व से लोग यहाँ कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंडक में डूबकी लगाने आते है।
अब जरा ये सोचिये कि सोनपुर जैसे समृद्ध शहर की नगर पंचायत विफलताओं का जीता-जागता उदाहरण है तो छोटे गाँव और कस्बो की पंचायत का क्या हाल होगा। सोनपुर से थोड़ी दूर पर टरवां-मगरपाल और सब्बलपुर जैसे जगह की देख-रेख करने वाला तो कोई है ही नहीं। वोट लेने के बाद हमारे भावी उम्मीदवार तो बस नदारद हो जाते है।
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