कल शाहपुर दियारा में खेलने के दौरान बच्चे का पैर बढ़ के पानी में फिसल गया। जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गयी। बारिश के एक सप्ताह के बाद भी न तो ग्राम-पंचायत की नींद खुल रही है और ना ही नगर-पंचायत की। बारिश की भयावहता का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है की एक सप्ताह बीतने के बाद भी सोनपुर नगर-पंचायत के अनेको वार्ड में पानी निकासी का कोई साधन मौजूद नहीं है।
प्रतिवर्ष नाला उड़ाही के नाम पर लाखो रुपये की बन्दर-बाँट हो जा रही है जिसमें नगर अध्यक्ष, वार्ड कमिश्नर, एवं सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत एवं लापरवाही के कारण आज भी स्थिति जस के तस है। सबसे ज्यादा परेशानी तो बरबट्टा गांव, गाय बाजार, मेला ग्राउंड, एवं बरबट्टा रेलवे कॉलोनी की है।
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वर्षा के बाद महामारी की समस्या उत्पन्न
पानी की निकासी नहीं होने के कारण लोगो को बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। सोनपुर रेफरल अस्पताल में तो और भी लापरवाही है। ना तो समय पर डॉक्टर आते है और ना ही कोई उचित सुविधा उपलब्ध है। अस्पताल में दवा रहने के बावजूद भी लोगों को बाहर से दवा खरीदना पड़ रहा है।
इससे गरीब तबके के लोग समय पर उचित इलाज़ नहीं करा पा रहें है और बीमारी के शिकार बनते जा रहे है। जहाँ एक ओर स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है तो दूसरी ओर इसके विपरीत परिणाम आ रहे है। यानी, कहने का मतलब ये है जो भी काम हो रहा है वो सिर्फ कागज़ पर हो रहा है।
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इस साल की बारिश ने सरकार के सभी वादे एवं दावे की पोल खोल कर रख दी है। इस विषम परिस्थिति में भी लूट खसोट जारी है। राहत-कार्य के नाम पर केवल घोटाले किये जा रहे है।
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